बस अट्टहास कहते हैं मुस्कान तो मुस्कान होती है। बस अट्टहास कहते हैं मुस्कान तो मुस्कान होती है।
तो अबला क्यूँ बताई जाती? तो अबला क्यूँ बताई जाती?
और जब दुनिया सोती है मैंं कागज ले जागती रहती हूँँ। और जब दुनिया सोती है मैंं कागज ले जागती रहती हूँँ।
सरल जीवन की परिकल्पना करेंगे भूल जाएंगे ग़मों का आशियाँ। सरल जीवन की परिकल्पना करेंगे भूल जाएंगे ग़मों का आशियाँ।
प्रेम से जुड़े रिश्तों में सम्मान क्यूँ खो जाता है हर घर में जब वो पाई जाती तो अबला क्यूँ बताई जा... प्रेम से जुड़े रिश्तों में सम्मान क्यूँ खो जाता है हर घर में जब वो पाई जाती त...
यह एक कटु सत्य है जिसे हम चाहकर भी झूठला नहीं सकते। यह एक कटु सत्य है जिसे हम चाहकर भी झूठला नहीं सकते।