मैं बार बार लाती हूँ हंसी सहेलियां कहती है तू तो फंसी मैं बार बार लाती हूँ हंसी सहेलियां कहती है तू तो फंसी
रह गए बस दौलत के रिश्ते, नहीं है इंसानों का मोल, हँसी खोखली, खुशी खोखली खोखले हो गए बोल। रह गए बस दौलत के रिश्ते, नहीं है इंसानों का मोल, हँसी खोखली, खुशी खोखली खोखले...
आज देखा मैंने उसे, बारिश में , अपने खोए हुए खुद को फिर से ढ़ूढ़ते हुए, आज देखा मैंने उसे, बारिश में , अपने खोए हुए खुद को फिर से ढ़ूढ़ते हुए,
हंसो, खिलखिलाओ, और इस जिंदगी को गले लगा लो। हंसो, खिलखिलाओ, और इस जिंदगी को गले लगा लो।
बस मुझको आ गई हंसी रोते-रोते भी। बस मुझको आ गई हंसी रोते-रोते भी।
उसकी हँसी सी हूँ मैं वो मेरी ख़ामोशी सा! उसकी हँसी सी हूँ मैं वो मेरी ख़ामोशी सा!