आज देखा मैंने उसे, बारिश में , अपने खोए हुए खुद को फिर से ढ़ूढ़ते हुए, आज देखा मैंने उसे, बारिश में , अपने खोए हुए खुद को फिर से ढ़ूढ़ते हुए,
ज़माने की रोशनी से बहुत अंधा हो गया हूं तेरी घनी जुल्फों में खोई हुई है रोशनी मेरी। ज़माने की रोशनी से बहुत अंधा हो गया हूं तेरी घनी जुल्फों में खोई हुई है रोशनी ...
हमें खुली जुल्फों में अच्छी लगती है हमें खुली जुल्फों में अच्छी लगती है
मंद मंद हवा थी चली, सरसों की डालियां झूमती मंद मंद हवा थी चली, सरसों की डालियां झूमती
आँचल के पल्ले से गर्म पतीला पकड़ा करता था आँचल के पल्ले से गर्म पतीला पकड़ा करता था
एक घड़ी को गर मिले साथ तेरा तो बांहों में पूरा संसार आ जाये। एक घड़ी को गर मिले साथ तेरा तो बांहों में पूरा संसार आ जाये।