तपते रहे गली मोहल्ले सेवाभाव में हुजूर,वरना छत तो हमें भी नसीब थी। तपते रहे गली मोहल्ले सेवाभाव में हुजूर,वरना छत तो हमें भी नसीब थी।
अब तो सिमटकर सिमटने की जगह भी न बची,मेरे दर्दे दिल की दवा जीने की वज़ह भी न रही। अब तो सिमटकर सिमटने की जगह भी न बची,मेरे दर्दे दिल की दवा जीने की वज़ह भी न रही।
ज़िन्दगी के सच को उजागर करती एक कविता... ज़िन्दगी के सच को उजागर करती एक कविता...
जानेमन कहना तो बहुत आसान है जानेमन कहना तो बहुत आसान है
जब हकीकत से सामना होता है पैरों तले जमीन खिसक जाती है। जब हकीकत से सामना होता है पैरों तले जमीन खिसक जाती है।
ये प्यार भी बड़ी कमाल की चीज होती है जिसको चाहो वो ही दिल से बहुत दूर होती है, ये प्यार भी बड़ी कमाल की चीज होती है जिसको चाहो वो ही दिल से बहुत दूर होती ह...