कहानी तेरी मेरी
कहानी तेरी मेरी
तेरा मेरा साथ कुछ इस तरह है,
जलेबी में मिठास है जिस तरह है,।।
तुझ बिन ये ज़िन्दगी जैसे बिन शक्कर हो चाय,
दिन बन जाए जब बात तुझसे हो जाए,
राहें जैसी भी हो बस तेरे साथ चलना है,
हर एहसास को अब बस तुझसे कहना है,।।
तेरा मेरा साथ कुछ इस तरह है,
जलेबी में मिठास है जिस तरह है,।।
हो बारिश का मौसम और हम दोनों भुट्टा खा रहे हो,
गर्म चाय हो हाथ में और कोई गहरी गुफ्तगू हम कर रहे हो,
रूठना मानना शायद यही रिश्ते की खूबसूरती है,
खट्ठी मीठी हज़ारों स्वादो से भरी ये ज़िन्दगी है,।।
तेरा मेरा साथ कुछ इस तरह है,
जलेबी में मिठास है जिस तरह है,।।
लिखूं मै गीत कोइ और तू उसे गुनगुनाए,
काश ख़ामोशी से भरी शाम में कोई मीठा गीत तू सुनाए,
शरारत और मस्ती से भरी है दोस्ती हमारी,
काश ताउम्र सलामत रहे ये कहानी हमारी,।।

