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Pooja Agrawal

Abstract Drama Romance

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Pooja Agrawal

Abstract Drama Romance

गुज़र गया

गुज़र गया

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लाजमी था उम्र और मौसम का गुजर जाना

पर वह तो मेरा इश्क था वह भी गुजर गया

हर कोई आया जिंदगी में कुछ देर साथ के लिए

अपनी मंज़िल का राहगीर था वह भी गुजर गया

कितनी मुद्दतें बीत गई उसके इंतजार में

यह जो पल बचाया था वह भी गुजर गया

पतझड़ के पत्तों को फिजां में देख मन भरते थे

एक मौसम ही तो था वह भी गुजर गया

आज आइना भी धुंधला पड़ गया है मेरा

चेहरे में उतरा उसका अक्स गुज़र गया

दिल में रहता था मेरी मिल्कियत था वो

वो धड़कन गुजर गई वो जिगर गुजर गया

कोई सुराग मिले तो राह पकड़ लूं उसकी

वह हवा का झोंका था मुझे छूकर गुजर गया।


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