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Pooja Agrawal

Abstract Romance Tragedy

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Pooja Agrawal

Abstract Romance Tragedy

तेरी कमी है

तेरी कमी है

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ख़्वाबों के परिंदों ने उड़ान भरी है

मंजिले पास है लेकिन तेरी कमी है


दम भरता है तेरा इश्क मुझ में

वर्ना हिज्र के बाद जान पर आ बनी है


अफ़सोस नहीं कोई मुक्द्दस उल्फत का

पर आँख में आज भी नमी है


उल्फत जगा कर खुदा मुख्तलिफ हो गया

पर जो शिकस्ता हुआ वो आदमी है


दिल शाद था तुझ से मिलने के बाद सय्योनी

हमारी जिंदगानी आज भी वही थमी है


यूंँ तो कोई उम्मीद नहीं नजर आती

तुझे पाने की इसलिए मोतज्जा़ पर मौकूफ़ लाज़मी है।


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