जीवन न्योछावर कर जाऊं
जीवन न्योछावर कर जाऊं
नीला सा समंदर गहरा
मुझको मदमस्त लहर बना लो
विशाल तरु फलो से लदा
मुझको ठंडी छांव बना लो
पर्वत ऊंचे नभ को छूते
मुझको निर्भीक चोटी बना लो
धवल चांद तिमिर मिटाता
मुझको अपनी चांदनी बना लो
सुंदर पुष्प गुलशन महकाते
मुझको अपनी खुशबू बना लो
ज़रा-ज़रा कायनात का
अपना सर्वस्व लुटाता है
मैं भी तो अपना कर्तव्य निभाऊं
मानवता की सेवा में अपना जीवन
न्योछावर कर जाऊं।