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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

माँ की ममता

माँ की ममता

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जैसे जैसे बड़े होते गए,

सब यादें पीछे छोड़ते गये,

बस ये दिन याद करते रहेंगे।।


जहान सिमटा था माँ के आँचल में,

सुरक्षा कवच था आँचल माँ की गोद में,

माँ की पीठ पर सवार हो योद्धा सा आभास करते।।


वात्सल्य भरा सम्मोहन था माँ के आगोश में,

नाक पोंछते,रोते या हँसते खींचे खींचे चले जाते,

ख़ुद चाहे भूख प्यासी पर बाहों में समेट लेती हमें।।


अब राह ताकती रहती माँ की निगाहें,

बातचीत के लिए भी वक़्त निकाल नहीं पाते, 

ममता का सागर जिसकी गहराई नाप नहीं सकते।


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