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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

ज़बान तले ज़हर

ज़बान तले ज़हर

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जैसे हाथी के दाँत खाने व दिखाने के पृथक-पृथक होते,

वैसे ही इंसानों के चरित्र अलग-अलग प्रकार के होते,

कुछ लोग बोलने में शहद की तरह अति मीठे होते,

ऐसे ही लोग ज़बान तले ज़हर का विषपात्र रखते,

जो कभी सामने तो कभी पीठ पीछे उगलते रहते,

ऐसे इंसानों के दोगलेपन को हम देख ही नहीं पाते,

हितैषी समझ उन्हें अपनी दिल की बातें बताते रहते,

और चोटिल विषयुक्त ज़बान के बोल फलित भी होते,

उनके शापित शब्दों से जीवन में हादसे होते रहते,

अतः नज़दीकियाँ इतनी मत बढ़ाओ कि पछताना पड़े,

और विश्वास इतना करो कि पीठ पीछे तुम्हें ही कोसे!!



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