I'm Sangeeta Ashok and I love to read StoryMirror contents.
सुनो मेरे मायके भी बोल दो इस बार भी ना आ पाऊँगी.. सुनो मेरे मायके भी बोल दो इस बार भी ना आ पाऊँगी..
जो सामने नहीं ज़हन में हैं वो यादें ही हैं, वो मस्तिष्क में अनायास ही उभरती हैं। जो सामने नहीं ज़हन में हैं वो यादें ही हैं, वो मस्तिष्क में अनायास ही उभरती है...
वास्तव में बात तो कुछ हुईं नहीं थी, झगड़ना तो हमारी आदत बन गयी। वास्तव में बात तो कुछ हुईं नहीं थी, झगड़ना तो हमारी आदत बन गयी।
सदियों पहले किताबें हमारी ज़िन्दगी में आयी, वेद,पुराण,काव्य,ग्रन्थ,उपनिषदों की वाहक बनी। सदियों पहले किताबें हमारी ज़िन्दगी में आयी, वेद,पुराण,काव्य,ग्रन्थ,उपनिषदों की...
पर अश्रु-धारा माँ,पत्नि,बहु की बही, तो ख़ुद अश्रु पौंछते-पौंछते सो गयी। पर अश्रु-धारा माँ,पत्नि,बहु की बही, तो ख़ुद अश्रु पौंछते-पौंछते सो गयी।
आज ही तो बारिश की पहली फुहार पड़ी, लावा उगलती धरती को ठंडक से राहत मिली। आज ही तो बारिश की पहली फुहार पड़ी, लावा उगलती धरती को ठंडक से राहत मिली।
नज़दीकियाँ इतनी मत बढ़ाओ कि पछताना पड़े। नज़दीकियाँ इतनी मत बढ़ाओ कि पछताना पड़े।
कई बार जब आक्षेप लगते अपने आत्मसम्मान पर, तो मन कराह के उठता ना अब सहन ना कर।। कई बार जब आक्षेप लगते अपने आत्मसम्मान पर, तो मन कराह के उठता ना अब सहन ना कर।...
ज़िन्दगी के सफर में यात्रा तो लिखी हुईं है। ज़िन्दगी के सफर में यात्रा तो लिखी हुईं है।
फल,अनाज,अंडे कुछ नहीं बचेगा क्यों नहीं सम्भलते हैं ? फल,अनाज,अंडे कुछ नहीं बचेगा क्यों नहीं सम्भलते हैं ?