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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

पुस्तक की दास्तान

पुस्तक की दास्तान

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सदियों पहले किताबें हमारी ज़िन्दगी में आयी,

वेद,पुराण,काव्य,ग्रन्थ,उपनिषदों की वाहक बनी,

ऋषि,मुनि,संत,साधुओं के ज्ञान की साक्षी बनी 

पढ़े-लिखों की चार आँखें कहावत तब चरितार्थ हुईं,

पर आजकल ज्ञान की गंगा लैपटॉप फ़ोन में समाई,

जगह रोकेगी सोच ज्ञानार्जन हेतू पुस्तकें खरीदते कम ही,

ज्यादातर लोग यही सोचते पुस्तकें भीड़ कर रही,

दीमक लगेगी तो लकड़ी का सारा फर्नीचर सड़ा देगी,

रद्दी वाले को देने कोने में रख देते गंगा ज्ञान की,

झूठे वो लोग जो कहते किताबें सच्ची दोस्त हैं इंसान की,

ज्ञान आजकल किसे चाहिए ख़ुद को होशियार समझते सभी,

जबकि इन्हीं पुस्तकों से उन्हें जीने की सही राह मिलती,

विडंबना देखिये यही पुस्तकें हैं किसी की रोजी रोटी,

जो पापी पेट की खातिर शिक्षा ग्रहण कर पाया नहीं,

पुस्तकें प्रेरणा,सोच एवं ज्ञान की गंगोत्री हैं संग्रह कीजिये।।


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