STORYMIRROR

Sunil Kumar

Inspirational

4  

Sunil Kumar

Inspirational

परिवार

परिवार

1 min
338


समाज की छोटी इकाई परिवार कहलाता है

रक्त संबंधों से इसका बड़ा ही गहरा नाता है।


मिल जुलकर हर कोई अपना फर्ज निभाता है 

सुख- दुःख में एक-दूजे के काम आता है

समाज की छोटी इकाई परिवार कहलाता है।


सही-गलत की पहचान सबको ये कराता है 

भले - बुरे में भेद भी बताता है 

समाज की छोटी इकाई परिवार कहलाता है।


धैर्य-प्रेम-सहयोग-विश्वास इसका ढांचा है

अपनत्व और ममत्व सहज ही मिल जाता है

समाज की छोटी इकाई परिवार कहलाता है।


वंश परंपरा को यही आगे बढ़ाता है

सुख- दुःख से इसका गहरा नाता है 

समाज की छोटी इकाई परिवार कहलाता है।


जहां हर कोई होता है अपना

कोई न बेगाना कहलाता है

समाज की छोटी इकाई परिवार कहलाता है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational