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Sunil Kumar

Abstract Inspirational

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Sunil Kumar

Abstract Inspirational

कवि और कविता

कवि और कविता

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कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है

भावों को दे शब्दरूप कवि कविता बनाता है।


मन में उठते भावों को कवि रोक नहीं पाता है

उठा लेखनी हाथ में, निज भावों को सजाता है

कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।


भावों के शब्द श्रृंगार से सृजन को सजाता है

कालजयी सृजन कर जग में सम्मान पाता है

कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।


जहां न पहुंचे रवि, कवि वहां भी पहुंच जाता है

शब्दों की क्रीड़ा से कभी हंसाता कभी रुलाता है

कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।


कल्पनाओं की भर उड़ान क्षितिज पार जाता है

देश और समाज को सदा सही राह दिखाता है

कवि और कविता का,आपस में गहरा नाता है।


निराशा में भी आशा की किरण बन जाता है

सजग कर समाज को अपना कर्तव्य निभाता है

कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।


साहित्य समाज का दर्पण है सबको ये बताता है

सत्य झलक समाज की निज सृजन में दिखाता है

कवि और कविता का आपस में गहरा नाता है।



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