अपनों कौन है ?
अपनों कौन है ?
हे री सखी अपनों कौन है ?
समय पड़े पे जब ये मौन है.
अपनों कौन है ? अपनों कौन है ?
अपनों वही जो सुख दुःख पूछै
समय गलत में सँग में जूझै
काहे को अपनों वो जग माही
जाको पड़ै ना पीर दिखाई
पीर में जाने हँसतो कौन है ?
अपनों कौन है ? अपनों कौन है ?
करि उपहास लगावे ठ्ठठा
मजबूरी कौ लगावे रट्टा
काहे को अपनों वो जग माही
नैक शर्म नहीं नैक लजाही
पीर में धीर धरतो कौन है ?
अपनों कौन है ? अपनों कौन है ?
चौं नाय समझ तोय दरद आवै
मानवै जब मानव ही खावै
काहे को अपनों वो जग माही
नैक धर्म तै जो ना डिराही.
दरद से देख निखरतो कौन है ?
अपनों कौन है ? अपनों कौन है ?