STORYMIRROR

prashansha malviya

Abstract

4.5  

prashansha malviya

Abstract

अलग बात है

अलग बात है

1 min
188


निकट तेरे आना तो मुमकिन नहीं 

खयालो में मिलना अलग बात है, 


है नफरत मुझे यादों से भी तिरी 

तुझे ही मैं सोचूँ अलग बात है, 


हमेशा ख़ुशी माँगी जिसके लिए 

वही काटे शाखें अलग बात है, 


तमन्नाए, सपने शमा थे मिरे

है नैनो मे आंसू अलग बात है,


बड़ी खूबिया थीं मुलाकात में , 

हो खामी वीरां में अलग बात है, 


न करना यकीं इन फरिश्तों का तुम, 

कहानी व किस्से अलग बात है, 


मोहब्बत को समझा था बेहद मगर 

करे कोई फ़िर से अलग बात है.


Rate this content
Log in

More hindi poem from prashansha malviya

Similar hindi poem from Abstract