कभी लागे के जहर सा है इश्क़ तो खामोशी से नसो में उतर जाने दो। कभी लागे के जहर सा है इश्क़ तो खामोशी से नसो में उतर जाने दो।
है कहाँ होती क़दर अब यहाँ इंसान की. है कहाँ होती क़दर अब यहाँ इंसान की.
रंग बिरंगी दुनिय बदरंगी सी क्यो हो गई? मान मर्यादा वाली शालीनता बोझिल सी लगने लगी। रंग बिरंगी दुनिय बदरंगी सी क्यो हो गई? मान मर्यादा वाली शालीनता बोझिल सी लगन...
हँसी फूलों से सीखो। चपलता, भंडारण मधुमक्खियों से सीखो। हँसी फूलों से सीखो। चपलता, भंडारण मधुमक्खियों से सीखो।
जय हो श्री जगन्नाथ की , जय हो पुरी वासियों की। जय हो श्री जगन्नाथ की , जय हो पुरी वासियों की।
हम देश के लिए शीश कटायेंगे, सब मिलकर खून बहायेंगे। हम देश के लिए शीश कटायेंगे, सब मिलकर खून बहायेंगे।