यहाँ तक मैं भी खारी मिठास ! ये मिठास क्या होती है ? यहाँ तक मैं भी खारी मिठास ! ये मिठास क्या होती है ?
नदी कहीं खो गई नदी कहीं है ही नहीं अब हर ओर सागर ही सागर है निरा खारा खारा सागर। नदी कहीं खो गई नदी कहीं है ही नहीं अब हर ओर सागर ही सागर है निरा खारा ...
हँसी फूलों से सीखो। चपलता, भंडारण मधुमक्खियों से सीखो। हँसी फूलों से सीखो। चपलता, भंडारण मधुमक्खियों से सीखो।
मुद्दतों बाद अपने अक्स को आईने में देखा, दिखी मुझको चेहरे पर खींची एक रेखा। मुद्दतों बाद अपने अक्स को आईने में देखा, दिखी मुझको चेहरे पर खींची एक रेखा।
यूँ चाहा था समझना नारी की सहज प्रकृति को यूँ चाहा था समझना नारी की सहज प्रकृति को