ना अपने से दूर कर पाते। न जाने कैसी आफत है ये यादें। ना अपने से दूर कर पाते। न जाने कैसी आफत है ये यादें।
यूँ चाहा था समझना नारी की सहज प्रकृति को यूँ चाहा था समझना नारी की सहज प्रकृति को