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Papu parida

Drama Romance Tragedy

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Papu parida

Drama Romance Tragedy

यादें

यादें

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यादें

कभी निर्झर नीर जेसी शीतल

तो कभी तटिनी की धाराओं सी चपल।


यादें 

कभी रजनीगंधा की सम्मोहिनी खुशबू

तो कभी सूखे फूलो से निकली बदबू।


यादें

मोर के सरीर में सजी नीलिमा

तो कभी अंधेरी आसमां की कालिमा।


यादें

कभी हरे भरे बन की पुकार

तो कभी अकाल में पड़ी हाहाकार।


यादें

कभी बसंत की शांत मारुत

तो कभी आंधी से आयी आफत।


यादें

कभी खुशियों से भरी ख्याब

तो कभी आशुयों डूबी सैलाब।


यादें

कभी सरोबर के जल सम स्थिर

तो कभी पयोधि बारी सम अस्थिर।


यादें 

कभी कृष्णचूड़ा सम मोहक

तो कभी दुःख और दुर्दशा बाहक।


यादें

कभी सशांक के सौम्य आलोक

तो कभी आदित्य के भीषण प्रकोप।


यादें

कभी मुक्ताओं से सजा अलंकार

तो कभी दर्द भरी चीत्कार।


बड़ी अजीब है ना समझ मे हीं नहीं आता

इन्हें संजोए या फिर भूल जाये।

ना गले लगा पाते

ना अपने से दूर कर पाते।

न जाने कैसी आफत है ये यादें।


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