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Papu parida

Drama Inspirational Children

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Papu parida

Drama Inspirational Children

मैं परिंदा क्यों बनूँ

मैं परिंदा क्यों बनूँ

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मैं परिंदा क्यों बनूँ 

मुझे आसमान बनना है।


मैं एक रस्ता क्यों बनूँ 

मुझे ठिकाना हीं बनना है।


मैं एक दीपक क्यों बनूँ 

मुझे रोशनी हीं बनना है।


मैं जलधारा क्यों बनूँ

 मुझे अर्णव हीं बनना है।


मैं एक पत्थर क्यों 

बनूँ मुझे भूधर हीं बनना है।


मैं एक ख़्याव क्यों बनूँ 

मुझे सच हीं बनना है।


मैं एक पन्ना क्यों बनूँ

 मुझे किताब हीं बनना है।


मैं एक पौधा क्यों बनूँ 

मुझे बीहड़ हीं बनना है।


मैं एक झोंका क्यों बनूँ 

मुझे आँधी हीं बनना है।


मैं एक किसी सा क्यों बनूँ 

मुझे मुझ सा ही बनना है।


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