धरा तुझे पुकार रही
धरा तुझे पुकार रही


आज देश के लिए करे सब न्यौछावर,
चीन चिंगारी धोखे का बौछार,
लिखेगा अब इतिहास पटल पर,
झाँसी की रानी की अनुकृति,
हिन्दुस्तान के लाल तो जाग,
आज धरा तुझे पुकार रहीं,
ऐसे कौन से बाधा है जग में,
वीर कभी विचलित होते नहीं,
क्षणभंगुर धीरज कभी
खोते नहीं,
कोई नहीं रोक सकता सपूतों के पथ को,
पर्वतों के भी पैर उखाड़ रही l
तुम भी भर लो ललकार,
तुम हो देश के वीर जवान,
खड़ा अन्याय सिर उठाकर,
दुश्मनों के उठा फन फुंकार,
उठाओ सशस्त्र और हथियार,
आज माँ तुझे पुकार रहीं l
आज जलाओ वीरता के प्रचंड आग,
सम्पूर्ण विश्व में जगा वीरता के अनुराग,
सूरमा कभी विचलित नहीं होंगे,
न ही पथ से कभी भटकेंगे,
गोली खाके कितने बलिदान हुये,
वीर शहीदों को दुलार रहीं,
हम देश के लिए शीश कटायेंगे,
सब मिलकर खून बहायेंगे,
देश के सीमा में तिरंगा लहरायेंगे,
जाति, धर्म के भावना से उपर उठकर,
ऐसे ही हमारे वीर बलिदानी हैं,
अंग्रेजों के आगे कभी न झुके,
न कभी थके न कभी रुके,
सब मिलकर वन्देमातरम पुकार रही ll