दीपावली
दीपावली
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आज शुभ दिन दीपावली आया,
आज अमावस की काली रात है,
दीप की रोशनी से रोशन हुआ,
मानो धरती में सितारों की बारात है।
बच्चे बूढ़े सभी मिलकर हँसी मजाक,
दशों दिशाओं से फैला खुशियाँ अपार है,
ढोल,बतासे,फुलझड़िया एवं फटाके,
धरती से आसमान तक लक्ष्मी जी का सत्कार है।
गौरी गौरा मंगल गीत सब गा रहें हैं,
प्राकृति हो रहा भाव भक्ति विभोर है,
भूलकर सब दुश्मनी द्ववेष की भाव,
भक्ति सौहार्द्रता की अमृत में सराबोर है।
नफरत की दीये हमें बुझाना है,
घर गली की सफाई कर चमकाना है,
मिठाई पकवान सब मिलकर खाना है,
रधुनंदन के याद में दीपक सजाना है।
विष्णु- लक्ष्मी की मिलन की रात,
रंग बिरंगे हो गये धरती रंगोली से,
अँधकार पर प्रकाश की विजय माला,
जीवन में खुशियाँ छायी दिवाली से।
