मैं हवा नहीं और ना तूफानों में सीधे चलता यार हूँ, मैं शीतल नहीं और ना चंद्रमा के चक्कर लगाता यार ह... मैं हवा नहीं और ना तूफानों में सीधे चलता यार हूँ, मैं शीतल नहीं और ना चंद्रमा ...
जैसे इस अमावस की रात के अंधेरे में चांदनी छिड़कना जैसे इस अमावस की रात के अंधेरे में चांदनी छिड़कना
नींद खुल गई नींद खुल गई
दर्द जो अपनी उस दिल को मिला था आज वो अपनी जख्म दिखा गयी हैं दर्द जो अपनी उस दिल को मिला था आज वो अपनी जख्म दिखा गयी हैं
वही दरिया के दूसरे किनारे पर धरता है पाँव वही दरिया के दूसरे किनारे पर धरता है पाँव
मौन होकर शब्द उलझते हैं दृढ़ संकल्प हैं अकेले मैं लड़ सकूं मौन होकर शब्द उलझते हैं दृढ़ संकल्प हैं अकेले मैं लड़ सकूं