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Dayasagar Dharua

Others

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Dayasagar Dharua

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तुम्हारा आना

तुम्हारा आना

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मुहल्ले में

किसी सयाने के अगुआई में

झुण्ड उत्साही नन्हें बच्चों का

एक तिल्ली माचिस के जलते ही

बिखर जाना,

ठाए-ठो की आवाज़ के साथ

चिल्लाते हुए फिर इकट्ठे हो जाना,

सयाने का पलट पलट कर

कभी छत कभी बाल्कनी निहारना

फिर उसी गली में

कोई और पलटन का

किसी और सयाने के अगुआई में

थोड़े और बच्चों की झुण्ड लिए

ठाए-ठो की थोड़ी और आवाज़ के साथ

दबदबा मचाते आना

और अपनी अपनी पटाखों का

शौर्य प्रदर्शन होना

उसी के साथ

बच्चों का दलबदली होना

किसी और के ठाए-ठो में

नाचने लग जाना

जैसे सयानों के दल से दलद्रोही करना

फिर छत में

दिपकों को सजाती हुई

हल्की सी लज्जा दिखाती हुई

पटाखों की आवाज़ से चौंकती हुई

दोनों कानों को हाथों से दबाई हुई

उस मुहल्ले की सयानी का आना

जैसे इस अमावस की रात के

अंधेरे में चांदनी छिड़कना

आकर उन सयानों के रंग भूमि का

एक दर्शक बन जाना

फिर दोनों सयानों का

एक के बाद दूसरे का

ठाए-ठो से यों ताकत दिखाना

जैसे किसी प्राकृतिक स्वयंवर का

स्वतः आयोजित हो जाना

फिर किसी एक सयाने को

सयानी का इशारा करना

के पटाखों से दूर रहना

पटाखें बड़ी शरारती होती हैं

खुद को उनसे बचाए रखना

पटाखों की आग में तुम न जलना

और हमेशा मेरी ही रहना

बस ऐसे ही है हमारे यहाँ

दीपावली का आना

और तुम्हारा मेरी जिंदगी में आना।


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