Dayasagar Dharua

Abstract

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Dayasagar Dharua

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सीढ़ी

सीढ़ी

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मुझे सीढ़ी पर

रूढ़िवाद समाज लिपटा हुआ दिखता है,

जिसकी हर धाप पर

सब कुछ सह जाने वाली स्त्रियां नज़र आती हैं।


सोच रहा हूँ,


डिटर्जेंट मिलाया गुनगुना पानी लेकर

उन धापों के उपर से,

जमी हुई समाज की मोटी धूल पोंछ दूँ।


फिर 'फ़र्स्ट एड' का बक्सा लिए इंतज़ार करता हूँ,

कि कौन बाप का बेटा,

उन पर से दौड़ लगाने की ज़ुर्रत करता है।


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