धूप-छाँव
धूप-छाँव
जिंदगी में कभी धूप आती है
तो कभी छाँव
पर सही वक़्त पर जो चलाता है
जग में नाव
वही दरिया के दूसरे किनारे पर
धरता है पाँव
बुरे वक्त पर धैर्य को बनाता है
जो अपना ताऊ
वही शूलों में फूल बनकर खिलता है,
दुनिया की सबसे बड़ी सीख यही है,
चलते रहो, चलते रहो हार के बाद
जीत है
लगातार चलने से ही मंज़िल का
टूटता है भाव
सब्र कर बंदे कुछ वक्त कोरोना
का भी गुजर जायेगा
रख विश्वास ख़ुदा पे फिर से हँसने का
दौर भी आयेगा
हर दुख की अमावस के बाद पूनम
का ही ताव है
