खुदी राम बोष
खुदी राम बोष
धन दौलत से कोई धनवान नही
बिन धन दौलत भी होता गरीब नही
जीवन तो कर्मो की पूंजी है,धर्म कर्म समर्पित जीवन स्वर, नश्वर नही।।
लम्बी उम्र जीवन भी किसी काम नही
पल प्रहर का जीवन युग की आशाओं का बेकार नही,युग को सतत जीता जाता निःस्वार्थ कोई स्वार्थ नही।।
युग त्याग बलिदानों का कायल समय गवाने वालो को करता याद नही
भारत का इतिहास सुनाया जाता है
खुदी राम का नाम न हो भारत का इतिहास नही।।
जन्म लिया विपन्नता में फिर भी कोई मलाल नही
बड़ी बहन के घर परिवरिश स्वाभिमान मोहताज नही।।
बंगाल का बटवारा फिरंगियों की चाल समय काल की पुकार खुदी राम बोष क्रांति की अंगार ज्वाला शूल शोला साहस शक्ति ही पूंजी था कुछ भी पास नही।।
क्रूर फिरंगी की क्रूरता आहत किशोर खुदी का मन प्रफुल्ल चेती खुदी राम का संकल्प मातृ भूमि की मुक्ति बिना जीवन का कोई मोल नही।।
राज द्रोह के आरोप से गोरों ने बरी किया पर मातृ भूमि की पीड़ा से आहत मन चैन आराम नही।।
नारयण गढ़ रेल स्टेशन देता आज गवाही है गवर्नर बोगी खुदी राम का बम प्रहार किशोर खुदी की क्रांति का विस्फोट नासमझी का काम नही।।
युग में गूंजी आवाज फिरंगी बदहवास उम्र बचपना सब दीवारें टूटी बता दिया खुदी ने मातृ भूमि की आजादी का मतलब त्याग बलिदान शुख शांति नही।।
भारत ही नही अपितु विश्व में मातृ भूमि पर मर मिटने की ऐसी कोई मिशाल नही।।
ना जीवन में खुशियां,अभाव उद्देश्य पथ से विचलित कर ना सका किस्सा सुना है हमने फिरंगियों की न्याय प्रियता की हुआ न्याय नही।।
हदे टूट गई न्याय लज्जित लिये हाथ मे गीता झूल गया फांसी के फंदे पर कर्म क्रांति का किशोर खुदीराम बोष दुनियां में दूजा नाम नही।।