काल समय --
काल समय --
काल वक़्त समय टाइम कि
प्रवृति प्रकृति मे मौसम ऋतुए
आती जाती ग्रह राशि कि
गति
काल संग ही चलता जाता!!
छः ऋतुए मौसम चार
वर्ष
दर वर्ष आता जाता
हर्ष
विसाद कि स्मरण
याद दे
जाता!!
आते जाते समय काल
वक़्त कि परम्परा मे जाने
कितने युग आए और चले
गए!!
अब युग वर्तमान से अतीत
इतिहास होता गुजरता जाता!!
स्मरण याद मिलने और
बिछड़ने कि सुख दुःख कि
गम ख़ुशी कि जाने
कितनी थाती है!!
नव काल समय का
आगमन
आशा विश्वास का
उम्मीदों का
नव चेतन काल
समय जागरण
नव वर्ष कि
आती बाती!!
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश
