निस दिन नैना राह निहारें, दिन अश्रु से बहते जाऐं मन की हिलोरें तुम्हें पुकारें घड़ी-घड़ी ये उठती जाऐं निस दिन नैना राह निहारें, दिन अश्रु से बहते जाऐं मन की हिलोरें तुम्हें पुकारें घ...
विभावरी में खिली कोंपल देख आसमान को, मुस्कुरा रही थी; विभावरी में खिली कोंपल देख आसमान को, मुस्कुरा रही थी;
जाने कितनी बार गौरी को मनाया था मुझे हठी बालक की तरह परे कर बैठी जाने कितनी बार गौरी को मनाया था मुझे हठी बालक की तरह परे कर बैठी
जाड़े की आहट , आने लगी है । फिजां में मोहब्बत, छाने लगी है। जाड़े की आहट , आने लगी है । फिजां में मोहब्बत, छाने लगी है।
तुम सावन की बूंद तुम सावन की बूंद
एक अनुभूति, एक कल्पना, हर क्षण वही झंकार, एक अनुभूति, एक कल्पना, हर क्षण वही झंकार,