विभावरी में खिली कोंपल देख आसमान को, मुस्कुरा रही थी; विभावरी में खिली कोंपल देख आसमान को, मुस्कुरा रही थी;
अपनी हस्ती को बचाए रखने, का यकीं। अपनी हस्ती को बचाए रखने, का यकीं।
नैसर्गिक बीज एक नील गगन से पहला जब वसुन्धरा पर टपका, माटी की नमी से सिंचित हो वह ध्र नैसर्गिक बीज एक नील गगन से पहला जब वसुन्धरा पर टपका, माटी की नमी से सिंचित...
आनंद का आभास खिले फूल का अंदाज़ आगाज़ ! आनंद का आभास खिले फूल का अंदाज़ आगाज़ !
फुट पड़ेंगी नई कोपलें ओर बह चुका होगा जो तुम्हारे भीतर छुपा था।। फुट पड़ेंगी नई कोपलें ओर बह चुका होगा जो तुम्हारे भीतर छुपा था।।
एक बार उसे पूरी तरह खिलखिलाने दो एक बार उसे हवा में झूम जाने दो! एक बार उसे पूरी तरह खिलखिलाने दो एक बार उसे हवा में झूम जाने दो!