ज़िन्दगी ने तुम्हारे मुताबिक नहीं तुमने उसके मुताबिक चलना है। ज़िन्दगी ने तुम्हारे मुताबिक नहीं तुमने उसके मुताबिक चलना है।
जो गड्ढे तुमनें खोदे हैं अपनी अमानत रखने को, जो गड्ढे तुमनें खोदे हैं अपनी अमानत रखने को,
सुबह से शाम तक दिन रथ पे सवार एक ज़िस्त में असंख्य किरदारों से लिपटी औरत की शख़्सियत पे ही य... सुबह से शाम तक दिन रथ पे सवार एक ज़िस्त में असंख्य किरदारों से लिपटी औरत...
सब्जी मंडी में रसायनों का प्रयोग हो रहा बाल बच्चे,बूढ़े और जवानों को रोग हो रहा। सब्जी मंडी में रसायनों का प्रयोग हो रहा बाल बच्चे,बूढ़े और जवानों को रोग हो रह...
मकाँ की चाह में तुम में बेकल सा समुन्दर कोई। मकाँ की चाह में तुम में बेकल सा समुन्दर कोई।
कभी व्यर्थ की चिंताओं में, चेहरा हो कुछ दहल गया कभी व्यर्थ की चिंताओं में, चेहरा हो कुछ दहल गया