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Anita Sudhir

Tragedy

4  

Anita Sudhir

Tragedy

सब्जीमंडी

सब्जीमंडी

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 आज सब्जीमंडी का चक्कर लगाया ,

सभी सब्जियों को अपने पास ,बुलाते पाया ।

कदम बढ़े,फिर ठिठके ,कुछ विचार कुलबुलाये

मंदी ,महंगाई ,मिलावट के दौर में क्या खरीद लायें।

जैसे चमकने वाली हर वस्तु जब सोना नहीं होती ,

 वैसे सब्जी मंडी की सब्जियां अब शुद्ध नहीं होती।

मिलावटों का दौर जारी है,व्यापारियों की तरकारी में

नैतिकता बची नहीं,बीमारियों की हाहाकारी है ।

रातों रात खेतों में खीरा बड़ा हो गया 

हार्मोन का खुराक जब उसको पहुँच गया ।

सब्जी मंडी में रसायनों का प्रयोग हो रहा

बाल बच्चे,बूढ़े और जवानों को रोग हो रहा।

लौकी में ऑक्सीटोन से शीघ्रता से आकार बढ़ा रहे 

कार्बाइड का इंजेक्शन लगाया

केले और पपीते को जरा जल्दी पकाया ।

सब्जियों के हरे रंग को मेकलाइट ने चमकाया

करेला ,भिंडी परवल टमाटर पर क्या रंग चढ़वाया ।

तेजाब से अदरक को धुलवाया।

सेब के ऊपर मोम की परत चढ़ाया

पुराने आलू को तेजाब के गड्ढे में डुबो "नया'बनाया। 

तरबूज का लाल रंग ,व्यापारियों के नए ढंग देखो ।

प्लास्टिक के चावलों सँग प्लास्टिक की पत्तागोभी खाओ

कैंसर ,गुर्दे और यकृत की बीमारी को न्यौता दे आओ ।

फिर कदम बढ़े सब्जी मंडी में उस दुकान की तरफ 

थोड़ी पुरानी लग रही थी,मक्खियां भिनक रही थीं 

ये हरी सब्जियां रसायन के प्रकोप से बच पाई है 

तभी मक्खियों को आकर्षित कर पायीं है

 बस फटाफट सब्जियां खरीदीं 

सब्जीमंडी की चकाचौंध हरियाली से वापस आयी,

गर्म पानी में धो कर सब्जियां बनायीं ।



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