एक नयी सी...
एक नयी सी...
बरसों बाद फिर से मिले वो,और
आँखों से अपने कई सवाल कर दिया।
न जाने क्यों उन्होंने फिर बवाल कर दिया।
बड़ी मुश्किल से तो नींदों से,फिर से वास्ता हुआ था।
मंजिल तक पहुंचने का,तय आधा रास्ता हुआ था।
तेरी यादों ने फिर से बेवजह दखल दे दिया,
मानों धुंधली सी हो चुकी तस्वीर को तुम्हारी
फिर से एक नयी सी शक्ल दे दिया
फिर से एक नयी सी शक्ल दे दिया।
