हिंदी हमारी पहचान
हिंदी हमारी पहचान
ऐ!हिंदी कितनी प्यारी हो तुम,
हर भाषाओं से न्यारी हो तुम।
सुखद अहसास कराने वाली,
शीतल और मनुहारी हो तुम।।
ऐ!हिंदी.....
मिलता माँ जैसा स्नेह,
हर क्षण तुमसे।
भारत माता की दुलारी हो तुम।
सच कहूं तो गंगा सी पावन,
श्रेष्ठ और हितकारी हो तुम।।
ऐ!हिंदी.....
कवियों की कविताओं में हो तुम,
सुधा रूपी रचनाओं में हो तुम।
वृहद स्वरूप विस्तार वाली,
शब्दों का श्रृंगार हो तुम।
तिमिर पथ में प्रकाश की तरह,
आनंद की संचार हो तुम।।
ऐ!हिंदी.....