मां भारती....
मां भारती....
जय जय जय जय हो,
मां भारती।।
आओ मिलकर करे हम,
मां की आरती।
जय जय जय जय हो,
मां भारती।।
इतिहास बताता है हम सब को,
इसकी करुण कहानी।
अंग्रेजों के अत्याचार से,
जब क्षुब्ध थे सब नर - नारी।
जिंगारी तब ज्वाला बनी थी,
अंग्रेजों पर वो टूट पड़ी थी।
झांसी की रानी लक्ष्मी ने,
रणभूमि में हुंकार भरी थी।
थर थर कांपने लगे थे दुश्मन,
आयी उनकी मृत्यु की घड़ी थी।
मरते - मरते वो सोच रहे थे,
क्यों उन्होंने वो गलती करी थी।
क्रांति को जन जन तक फैलाकर,
मिट गई रानी शान से।
देश से बढ़कर कुछ भी नहीं है,
कह गई हर इंसान से।
चंद्रशेखर ,भगत, सुभाष जैसों ने
खूब लड़ी लड़ाई है।
लाज बचाने मानवता के,
अपनी जान गंवाई है।
कई दीपक बुझे समर में,
स्वतंत्रता की आग जलाने को।
बहुत किया संघर्ष उन्होंने,
अंग्रेजों को धूल चटाने को।
तब जाकर भारत मां के आंगन में,
खुशियों की सुबह आयी है।
अमर शहीदों की आहुति ने,
भारत में आजादी लाई है......