तू जलती रही दिये कि तरह... हमे प्रकाशमान करने के लिये ! मगर हमने सिर्फ तुम्हारा इस्तेमाल किया... तू जलती रही दिये कि तरह... हमे प्रकाशमान करने के लिये ! मगर हमने सिर्फ तुम्हार...
अपने आँचल के कीमती रत्न तीन तीन एक साथ खोई थीं! अपने आँचल के कीमती रत्न तीन तीन एक साथ खोई थीं!
अर्ध घड़ा छलकत जाए जैसे अर्ध ज्ञानी का ज्ञान अर्ध घड़ा छलकत जाए जैसे अर्ध ज्ञानी का ज्ञान
गंगा की धारा लेकर चली जाती है, चिता के भस्म की तरह आपके दु:ख ! गंगा की धारा लेकर चली जाती है, चिता के भस्म की तरह आपके दु:ख !
हर दिन, हर पल करती हूं यज्ञ में , हवन - कुण्ड में तेरी यादों की आहुतियां डाली कर! हर दिन, हर पल करती हूं यज्ञ में , हवन - कुण्ड में तेरी यादों की आहुतियां डाल...
जी चाहता है, आज मैं बनवाऊँ, एक और लाक्षागृह ज़िंदा आहुति, क्यों न दे दी जाये ? जी चाहता है, आज मैं बनवाऊँ, एक और लाक्षागृह ज़िंदा आहुति, क्यों न दे दी जाये ?