कोई फिजूल ही हीन औ र कमतर महसूस करेगा। कोई फिजूल ही हीन औ र कमतर महसूस करेगा।
कभी भी करते किसी से बयां नहीं। कभी भी करते किसी से बयां नहीं।
बुधिया को दी मार, दीन का खाका खींचा। बुधिया को दी मार, दीन का खाका खींचा।
अर्ध घड़ा छलकत जाए जैसे अर्ध ज्ञानी का ज्ञान अर्ध घड़ा छलकत जाए जैसे अर्ध ज्ञानी का ज्ञान
जीवन का बोझ उठाती हूं रति सी है मुझ में सुन्दरता जीवन का बोझ उठाती हूं रति सी है मुझ में सुन्दरता
पर उपकार करें, झोली खुशियों से भरें। पर उपकार करें, झोली खुशियों से भरें।