मिश्रित है गंगा का पावन जल आपकी तृप्ति के लिए मिश्रित है गंगा का पावन जल आपकी तृप्ति के लिए
संस्कृति सबकी तनिक निराली, पर ध्येय सभी का एक है संस्कृति सबकी तनिक निराली, पर ध्येय सभी का एक है
दया, ममता, करूणा ही, स्त्री का हथियार है। दया, ममता, करूणा ही, स्त्री का हथियार है।
पलक बिछाए मेरा इंतजार अब कौन करेगा, माँ तेरे जाने के बाद। पलक बिछाए मेरा इंतजार अब कौन करेगा, माँ तेरे जाने के बाद।
अरुणोदय की लालिमा ले निकल पड़ी वो प्रभात पाने। अरुणोदय की लालिमा ले निकल पड़ी वो प्रभात पाने।
भटक रहा हूँ आत्मशांति को, कब आएगी मेरी बारी।। भटक रहा हूँ आत्मशांति को, कब आएगी मेरी बारी।।