संस्कृति सबकी तनिक निराली, पर ध्येय सभी का एक है संस्कृति सबकी तनिक निराली, पर ध्येय सभी का एक है
तभी तो माता अनंत परोपकारी है। तभी तो माता अनंत परोपकारी है।
वे पुरुष हैं, उन्हें न कोई रोके ... मैं नारी, समाज की निगरानी में रहती हूं वे पुरुष हैं, उन्हें न कोई रोके ... मैं नारी, समाज की निगरानी में रहती हूं
और जो पहुंचा देता है मन की जुबान को किसी और के सामने वह है कविता का स्वरूप। और जो पहुंचा देता है मन की जुबान को किसी और के सामने वह है कविता का स्वरूप।
मेरे शब्द कोष में इतने शब्द नहीं, जितने प्रभु तेरे हैं रूप।। मेरे शब्द कोष में इतने शब्द नहीं, जितने प्रभु तेरे हैं रूप।।
नवदुर्गा के ,माना गया ,होते हैं नौ रूप। होते हैं नौ भोग भी, जैसे अलग स्वरूप।।१।। नवदुर्गा के ,माना गया ,होते हैं नौ रूप। होते हैं नौ भोग भी, जैसे अलग स्वरूप।।...