यमुना यमुना
कलयुग में करूं पुकार यही, प्रदूषित न करो यदा कदा। कलयुग में करूं पुकार यही, प्रदूषित न करो यदा कदा।
करो फर्क ना कभी एक ही माँ की सन्तान में। करो फर्क ना कभी एक ही माँ की सन्तान में।
इंद्र जब क्रुद्ध हुए बारिशों का दौर हुआ ऊँगली पर गावर्धन धरा घमंड इंद्र का चूर हुआ। इंद्र जब क्रुद्ध हुए बारिशों का दौर हुआ ऊँगली पर गावर्धन धरा घमंड इंद्...
गोधन! हाँ, वही गोधन जिसके क्षीर से अभिषिक्त मन था गोधन! हाँ, वही गोधन जिसके क्षीर से अभिषिक्त मन था
तुम ही से होता आया है, जीवन सदियों से साकार। तुम ही से होता आया है, जीवन सदियों से साकार।