पावन इतनी तृप्त हृदय को कर देती है । नव चेतना अंतर्मन में भर देती है । पावन इतनी तृप्त हृदय को कर देती है । नव चेतना अंतर्मन में भर देती है ।
आसमान में बदरा छाये जिया धड़काये उड़ती जाये चुनरिया मन में प्रीत जगाये बंसी मधुर बजाये कान... आसमान में बदरा छाये जिया धड़काये उड़ती जाये चुनरिया मन में प्रीत जगाये ...
गोधन! हाँ, वही गोधन जिसके क्षीर से अभिषिक्त मन था गोधन! हाँ, वही गोधन जिसके क्षीर से अभिषिक्त मन था
कान्हा तेरे प्यार में में बन गई जोगन। ... कान्हा तेरे प्यार में में बन गई जोगन। ...
जो कृष्णा को ध्यायेगा दिव्य रूप बन जायेगा परम धाम पहुँच जाएगा ब्रह्म बांसुरी बजाएगा जो कृष्णा को ध्यायेगा दिव्य रूप बन जायेगा परम धाम पहुँच जाएगा ब्रह्म बांसुरी ...
प्यार इंस्टेंट हो गया है विज्ञापन की तरह धोया निचोड़ा और हो गया बस प्यार इंस्टेंट हो गया है विज्ञापन की तरह धोया निचोड़ा और हो गया बस