मैं ही हूँ प्रभात कि उदित किरण, उर शाम कि अस्त किरणों, का समाहार, आनन्द कि लहर मैं हूँ मैं ही हूँ प्रभात कि उदित किरण, उर शाम कि अस्त किरणों, का समाहार, आनन्द कि लहर म...
कर नई शुरुआत, पुरानी बातें भूले देखो बीती रात, कमल दल ये दस फूले। कर नई शुरुआत, पुरानी बातें भूले देखो बीती रात, कमल दल ये दस फूले।
पावन इतनी तृप्त हृदय को कर देती है । नव चेतना अंतर्मन में भर देती है । पावन इतनी तृप्त हृदय को कर देती है । नव चेतना अंतर्मन में भर देती है ।
अनंत रेखाओं से सारे संसार को चला रहे हैं रवि, असीम रेखाएं से मनोहर बने जलाशयों की छवि, अनंत रेखाओं से सारे संसार को चला रहे हैं रवि, असीम रेखाएं से मनोहर बने जलाशयो...
जब तेरी दहलीज की शोभा बन आये गुलजार जिंदगी हुई हम खुद पे इतराय। जब तेरी दहलीज की शोभा बन आये गुलजार जिंदगी हुई हम खुद पे इतराय।
जगते 'मतर्य' के अक्षों में केवल 'निशीथ' ही रहता है ! जगते 'मतर्य' के अक्षों में केवल 'निशीथ' ही रहता है !