यह शरीर नश्वर है, इस पर अहंकार कैसा ? यह पाँच तत्वों से बना है और अंत में इन्हीं तत्वों में इसे विली... यह शरीर नश्वर है, इस पर अहंकार कैसा ? यह पाँच तत्वों से बना है और अंत में इन्हीं...
बटी देश की सीमाओं में , खेल भावना आहत है । अच्छे को अच्छा कहने की , नहीं किसी में ताकत है।... बटी देश की सीमाओं में , खेल भावना आहत है । अच्छे को अच्छा कहने की , नह...
अनहोनी की आशंका में अधिक पाने के लोभ में मनुज करता याचना अनहोनी की आशंका में अधिक पाने के लोभ में मनुज करता याचना
दर्द क्या देंगे तुझे, ज़िंदा नहीं हम लाश हैं। दर्द क्या देंगे तुझे, ज़िंदा नहीं हम लाश हैं।
खोले बैठे देव, दयामय कृपा झरोखा वे ही हैं पतवार, वही नाविक वह नौका। खोले बैठे देव, दयामय कृपा झरोखा वे ही हैं पतवार, वही नाविक वह नौका।
जगते 'मतर्य' के अक्षों में केवल 'निशीथ' ही रहता है ! जगते 'मतर्य' के अक्षों में केवल 'निशीथ' ही रहता है !