यह शरीर नश्वर है, इस पर अहंकार कैसा ? यह पाँच तत्वों से बना है और अंत में इन्हीं तत्वों में इसे विली... यह शरीर नश्वर है, इस पर अहंकार कैसा ? यह पाँच तत्वों से बना है और अंत में इन्हीं...
इसलिए सब शोर में है, इसलिए वो मौन है। इसलिए सब शोर में है, इसलिए वो मौन है।
जन्म से ही समझे इन्सान है नश्वर ये तन आता जाता रहता धन जन्म से ही समझे इन्सान है नश्वर ये तन आता जाता रहता धन
लोग कहते हैं कि अस्तित्व है तुम्हाराl लोग कहते हैं कि अस्तित्व है तुम्हाराl
देख लगे तुम अजर-अमर हो। कौन कहेगा तुम नश्वर हो? ख़त्म न हो वह संचित ज़र हो। अच्युत है सौंदर... देख लगे तुम अजर-अमर हो। कौन कहेगा तुम नश्वर हो? ख़त्म न हो वह संचित ज़र हो।...
निर्भर है लक्ष्य के ऊपर वैसी ही मंजिल पा जायेगी । निर्भर है लक्ष्य के ऊपर वैसी ही मंजिल पा जायेगी ।