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निशा परमार

Inspirational

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निशा परमार

Inspirational

निर्भर है लक्ष्य के ऊपर

निर्भर है लक्ष्य के ऊपर

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बसंत की हरियाली यदि मन को मोह जाती है ,

तो पतझड़ आशा के लघु दीपों को बो जाती है ,

उगता सूरज प्रतीक है जीवन के आरम्भ का ,

तो सूर्यास्त सीख है नश्वर जीवन के अन्त का ,

उदित किरण यदि आभा है

दिन के प्रकाशित प्रतिबिंब का ,

तो रात का अंधियारा प्रेरणा स्रोत है

अन्तर्मन ज्योति के अभिलम्ब का ,

जीवन के हर आयाम का अपना अलग पहलू है ,

नजरों को जैसी दृष्टि दोगे वैसा ही देखेगी ,

निर्भर है सोच के ऊपर उसी अनुसार जीवन जीयेगी ,

जिन्दगी में धूप छाँव का संगम है ,

कभी गले लगायेगी तो कभी निगाहें फेर जायेगी ,

अथाह सागर है खुशियों का चारो ओर

निर्भर है स्वयं के निष्कर्षों पर ,

या तो जिन्दगी डूबेगी या फिर तैर जायेगी ,

जीवन के हर क्षण का अपना अलग अस्तित्व है,

जिन्दगी को जैसा पथ दोगे वैसे ही कदम बढायेगी,

निर्भर है लक्ष्य के ऊपर वैसी ही मंजिल पा जायेगी ।

 


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