Revolutionize India's governance. Click now to secure 'Factory Resets of Governance Rules'—A business plan for a healthy and robust democracy, with a potential to reduce taxes.
Revolutionize India's governance. Click now to secure 'Factory Resets of Governance Rules'—A business plan for a healthy and robust democracy, with a potential to reduce taxes.

निशा परमार

Abstract

4  

निशा परमार

Abstract

नयन तारा

नयन तारा

1 min
96


आँखों का नयन तारा

जिसने पिरोकर बसंत से लम्हों को

अपनी रश्मियों की झालर में

पूर दिये थे चौक

शुभ लाभ के

और कमूरों पर सजे अरमाँनों ने

काढ दी थी चम्पा सी अल्पनायें

नैनों के किनारे किनारे

जहाँ से बहता हुआ

हया का झोंका

झाँक रहा था

पलकों के झीने पट से

और इधर ह्रदय की देहरी पर रखा

सतरंगी ख्वाहिश का दिया

जिसमें जलती सांसों की बाती

टकटकी लगाये ताक रही थी,

उस चंदन सी राह को

जहाँ से गुजरने वाली आहट

करने वाली थी

फूलों की आतिशबाजी

शून्य में खोये हुये स्थिर नभ में

जँहा से घोर अन्धेरी रात

चांद की सवारी कर

लुटाने वाली थी

तारे भरकर अपनी मुट्ठी में

कोरे जीवन पर

मगर एक तूफ़ान जो

बिखेर गया तबाही का मन्जर

और आँखों का नयनतारा

बटोरता रह गया तबाही के

उन खण्डहरों को

चौक,अल्पना ,और दिये की

सिस्कियों के बीच!

 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract