गाँठ गाँठ में रस की सृष्टि का दर्शन कर पाना यदि होता है छंद तो मैंने भी लिखी है कविता । गाँठ गाँठ में रस की सृष्टि का दर्शन कर पाना यदि होता है छंद तो मैंने भी लिख...
नैनों के किनारे किनारे जहाँ से बहता हुआ हया का झोंका झाँक रहा था ! नैनों के किनारे किनारे जहाँ से बहता हुआ हया का झोंका झाँक रहा था !