उसके बारे में सोच हासिल ही क्या ? जो वक़्त हाथों से निकला, चला गया। उसके बारे में सोच हासिल ही क्या ? जो वक़्त हाथों से निकला, चला गया।
इसलिए सब शोर में है, इसलिए वो मौन है। इसलिए सब शोर में है, इसलिए वो मौन है।
मन मंदिर में प्रियवर की सुंदर सी छवि कुछ यूँ उभरे। मन मंदिर में प्रियवर की सुंदर सी छवि कुछ यूँ उभरे।
जिनके बनने से ही, बनते हैं नसीब। जिनके बनने से ही, बनते हैं नसीब।
बनता है कली से गुल आहिस्ता आहिस्ता तू कर मुझे ऐसे क़बूल आहिस्ता आहिस्ता बनता है कली से गुल आहिस्ता आहिस्ता तू कर मुझे ऐसे क़बूल आहिस्ता आहिस्ता
सुख- शांति का राग होगा सल्तनते आबाद होगा। सुख- शांति का राग होगा सल्तनते आबाद होगा।