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Bhavna Thaker

Romance

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Bhavna Thaker

Romance

कल्पना

कल्पना

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सीने में दिल पसीज रहा है

पसीने से तर बतर 

रिझा रही है किसी की

यादों की तपिश !


मन के कोने में कल्पनाओं के

मोती पनपे

बिखरने को बेताब सजीले !


कहो तो बिखेर दूँ

अलसाई सुबह में आँखें खोलूँ

मन आँगन में पाजेब बजे, 

प्रीत की कोंपलें तुलसी सी महके 

दिल के गमले में आरज़ूओं की

मिट्टी भी बहके !


तारों की माला बन जाएँ

बाँह पसारे जब तू पुकारे

मांग मेरी वो भर जाएँ,

सपनों के संसार की मैं

मखमली सी चद्दर बुनूँ !

 

हर करवट पर गीत लिखूँ

तेरी यादों की सरगम चुनकर, 

आहट पे तेरी चौखट पर मेरे

अश्रुओं के दीप सजे !


मेरी पलकों पर तेरे होठों से

नायाब सी कोई नज़्म बने,

हया की शौख़ी निखरे बिखरे

रुख़सार बादामी खिल जाए !


शबनम की हर बूंद गुल की

पंखुड़ियों में साँसें भरे

जब दिल की सुराही से

नशीली यादों की बारात चले,

मन मंदिर में प्रियवर की

सुंदर सी छवि कुछ यूँ उभरे।


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